November 9, 2025

सोनीपत में सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद 17 दुकानों को ध्वस्त किया

17 shops demolished in Sonipat following Supreme Court order

सोनीपत में मौके सिविल लाइन थाना पुलिस लोगों को हटाती हुई।

सोनीपत, अजीत कुमार। सोनीपत जिले के सुभाष चौक स्थित एटलस रोड पर नगर पालिका की 17 दुकानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रशासन ने गुरुवार को ध्वस्त कर दिया। तहसीलदार कार्यालय द्वारा पहले नोटिस जारी कर दुकानदारों को स्वेच्छा से दुकानें खाली करने का अंतिम अवसर दिया गया था। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की देखरेख में कार्रवाई की गई।

17 shops demolished in Sonipat following Supreme Court order
सोनीपत में मौके सिविल लाइन थाना पुलिस लोगों को हटाती हुई।

ये सभी दुकानें कस्टोडियन भूमि पर बनी थीं, जहां दुकानदार लगभग 40 वर्षों से व्यवसाय कर रहे थे। यह विवाद वर्ष 2012 से चला आ रहा था। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 1 अगस्त 2012 को आदेश दिया था कि नगर पालिका द्वारा बनाई गई दुकानों को विवादित स्थल से खाली करवाया जाए। इसके बाद रणधीर सिंह व अन्य ने लगातार अदालतों में अपीलें दायर कीं, पर हर स्तर पर याचिकाएं खारिज होती रहीं।

26 सितंबर 2014 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) सोनीपत और 14 अक्टूबर 2016 को अतिरिक्त जिला जज ने अपीलें खारिज कीं। 19 जुलाई 2023 को उच्च न्यायालय ने भी दुकानदारों की आरएसए संख्या 5557/2016 अस्वीकृत कर दी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी संख्या 19485/2023 पर 4 दिसंबर 2024 को निर्णय देते हुए कहा गया कि दुकानदारों को विधि प्रक्रिया के अनुसार बेदखल किया जाए।

सभी अदालती विकल्प समाप्त होने के बाद राजस्व विभाग ने सार्वजनिक परिसर अधिनियम (पी.पी. एक्ट) के तहत 17 दुकानदारों के विरुद्ध मामला कलेक्टर की अदालत में दायर किया। 30 अप्रैल 2025 को कलेक्टर ने आदेश दिया कि तहसीलदार स्थल खाली कराकर भूमि राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपें। इसके अनुरूप तहसीलदार ने 25 जून 2025 तक स्वयं दुकानें खाली करने का अंतिम नोटिस जारी किया था।

दुकानदारों का कहना था कि नगर पालिका पहले किराया लेती थी, पर पिछले 15-20 वर्षों से यह बंद था। कस्टोडियन भूमि वह होती है जिसका कोई वैध वारिस या हकदार नहीं होता और ऐसी संपत्ति सरकार के अधिकार में आती है। तहसीलदार कीर्ति ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सभी 17 दुकानों को गिराने की कार्रवाई पूरी की गई और अब भूमि राजस्व विभाग के कब्जे में है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *