‘अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ के रचयिता एड गुरु पीयूष पांडे का निधन
एड गुरु पद्मश्री पीयूष पांडे का गुरुवार को निधन हो गया।
मुंबई। भारत के प्रसिद्ध एड गुरु और पद्मश्री सम्मानित विज्ञापन विशेषज्ञ पीयूष पांडे का गुरुवार को मुंबई में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। शुरुआती जानकारी के अनुसार, वे कुछ समय से संक्रमण से जूझ रहे थे। उनका अंतिम संस्कार आज मुंबई में किया जाएगा। पीयूष पांडे ने अपने जीवन में कई ऐतिहासिक विज्ञापन अभियानों को जन्म दिया, जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत की दिशा ही बदल दी। उनके द्वारा लिखा गया नारा ‘अबकी बार मोदी सरकार’ भारतीय राजनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। उन्होंने मशहूर गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ भी लिखा था, जो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “पीयूष पांडे क्रिएटिविटी की मिसाल थे। उन्होंने एडवर्टाइजिंग की दुनिया में शानदार योगदान दिया। उनके साथ हुई बातचीत हमेशा याद रखूंगा।”
दैनिक भास्कर समूह, जिसके बोर्ड में पीयूष पांडे 10 वर्षों तक स्वतंत्र निदेशक रहे, ने भी गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
कम उम्र में मिली विज्ञापन जगत में पहचान
पीयूष ने मात्र 27 वर्ष की उम्र में विज्ञापन उद्योग में कदम रखा था। उन्होंने अपने भाई प्रसून पांडे के साथ मिलकर शुरुआत की और रेडियो जिंगल्स के जरिए अपनी पहचान बनाई।
1982 में वे ओगिल्वी कंपनी से जुड़े और 1994 में उसके बोर्ड में शामिल किए गए। भारत सरकार ने उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया, जबकि 2024 में उन्हें एलआईए लीजेंड अवॉर्ड भी मिला।
भारत के यादगार विज्ञापन अभियानों के शिल्पकार
पीयूष पांडे के बनाए विज्ञापनों ने भारतीय दर्शकों के मन में स्थायी छाप छोड़ी। इनमें प्रमुख हैं –
- फेविकॉल का “ट्रक वाला विज्ञापन”, जिसने ब्रांड को घर-घर तक पहुंचा दिया।
- कैडबरी का “कुछ खास है जिंदगी में”, जिसने मिठास और भारतीय भावनाओं को जोड़ दिया।
- एशियन पेंट्स का “हर घर कुछ कहता है”, जिसने घरों की दीवारों को कहानी बना दिया।
- हच (वोडाफोन) का “पग वाला विज्ञापन”, जो दोस्ती और भरोसे का प्रतीक बना।
- पल्स पोलियो का “दो बूंदें जिंदगी की”, जिसने जनजागरूकता अभियान को सफल बनाया।
50 दिन में तैयार हुआ था ‘अबकी बार मोदी सरकार’ अभियान
पीयूष पांडे ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘अबकी बार मोदी सरकार’ कैम्पेन को उनकी टीम ने मात्र 50 दिनों में डिजाइन किया था। इस दौरान उन्होंने 200 से अधिक टीवी विज्ञापन, 100 रेडियो एड और सैकड़ों प्रिंट कैंपेन तैयार किए। पीयूष पांडे भारतीय रचनात्मकता के ऐसे प्रतीक रहे, जिन्होंने विज्ञापन को केवल कारोबार नहीं, बल्कि भावनाओं की अभिव्यक्ति बना दिया। उनका जाना एक युग का अंत है।
