December 13, 2025

ट्रम्प बोले-भारत के चावल और कनाडा की खाद पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने पर विचार

Trump said – considering imposing extra tariffs on Indian rice and Canadian fertilizer

ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी किसानों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की।

वाइट हाउस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि अमेरिका भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आने वाली खाद पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस में किसानों के लिए नई आर्थिक मदद की घोषणा करते हुए ट्रम्प ने कहा कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से आने वाला सस्ता चावल अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने इसे ‘डंपिंग’ बताया और कहा कि ऐसा अब और नहीं चल सकता। ट्रम्प ने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से पूछा कि क्या भारत को चावल निर्यात में कोई विशेष छूट मिली हुई है, जिस पर जवाब मिला कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है।

ट्रम्प ने कनाडा से आने वाली खाद पर भी कड़े टैरिफ लगाने की चेतावनी दी। उनका कहना था कि कनाडा से बड़ी मात्रा में पोटाश खाद आती है और अगर यह और सस्ती हुई तो उस पर सख्त शुल्क लगाना पड़ेगा। पोटाश और फॉस्फेट को अमेरिका ने हाल ही में क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में शामिल किया है, लेकिन बढ़ती लागत के कारण किसान अभी भी समस्या झेल रहे हैं। अमेरिका में बढ़ती महंगाई और किसानों की आर्थिक परेशानी के बीच ट्रम्प पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

मेक्सिको पर पानी की आपूर्ति का समझौता न निभाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने उस पर भी 5% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी। इसी दौरान ट्रम्प ने किसानों को राहत देने के लिए 12 अरब डॉलर के बड़े पैकेज की घोषणा भी की। यह पैसा किसानों को प्रत्यक्ष सहायता के रूप में दिया जाएगा, ताकि वे अपनी फसलें बेच सकें और आगामी सीजन की तैयारी कर सकें। चीन के साथ चल रहे ट्रेड वॉर के कारण अमेरिकी सोयाबीन और ज्वार किसानों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद लगभग बंद कर दी है।

डंपिंग का आसान मतलब यह है कि एक देश अपने उत्पादों को दूसरे देश में बेहद कम दाम पर बेचता है, जिससे वहां की स्थानीय इंडस्ट्री मुकाबला नहीं कर पाती। अगर ट्रम्प भारतीय चावल पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगा देते हैं तो अमेरिका में भारतीय चावल महंगा हो जाएगा और उसकी मांग घट सकती है। भारत दुनिया का 40% चावल एक्सपोर्ट करता है और 2023 में उसने अमेरिका को करीब 2.8 लाख टन चावल भेजा था। हालांकि अमेरिकी बाजार भारत के लिए बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन जिन किसानों और निर्यातकों का कारोबार सीधे अमेरिका से जुड़ा है, उन्हें इससे नुकसान हो सकता है। ट्रम्प पहले ही भारत पर 50% तक टैरिफ लगा चुके हैं और नए शुल्क से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में और तनाव बढ़ सकता है।

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