सोनीपत में अत्यंत गंभीर वायु प्रदूषण पर सख्त नियंत्रण ग्रैप-4 लागू
सोनीपत: उपायुक्त द्वारा जारी पत्र कोहरे का कहर।
सोनीपत। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुंचने के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेशानुसार सोनीपत जिले में प्रदूषण नियंत्रण की ग्रैप-4 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। उपायुक्त सुशील सारवान ने जिले के सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि पहली, दूसरी और तीसरी अवस्था में पहले से लागू प्रावधानों के साथ-साथ चौथी अवस्था से संबंधित अतिरिक्त निर्देशों का भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
उपायुक्त ने बताया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक अत्यंत चिंताजनक स्तर को पार कर चुका है। हवा की गति बेहद कम होने, वातावरण में स्थिरता, धुंध और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण प्रदूषक तत्व तेजी से एकत्र हो रहे हैं। इसी स्थिति को देखते हुए आपात नियंत्रण उपाय लागू किए गए हैं, ताकि प्रदूषण के स्तर में और वृद्धि को रोका जा सके।

आदेश के अनुसार भारत मानक चार डीजल ट्रकों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। केवल तरलीकृत प्राकृतिक गैस, संपीड़ित प्राकृतिक गैस, विद्युत चालित और भारत मानक छह डीजल ट्रकों को ही आवागमन की अनुमति होगी। इससे पहले से ही भारत मानक तीन और उससे नीचे के डीजल वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध लागू है।
चौथी अवस्था के अंतर्गत जिले में निर्माण और विध्वंस से जुड़े सभी कार्यों पर तत्काल रोक लगा दी गई है। इसमें मिट्टी की खुदाई, निर्माण सामग्री का परिवहन, सड़क निर्माण, मरम्मत तथा अन्य संबंधित गतिविधियां शामिल हैं। केवल अत्यावश्यक और आपात श्रेणी के कार्यों को निर्धारित शर्तों के तहत सीमित अनुमति दी जाएगी। धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव, धूल दबाने की तकनीक और अन्य सभी आवश्यक उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण बढ़ा दिए गए हैं। स्वच्छ ईंधन के उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण यंत्रों के संचालन और अवैध गतिविधियों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक कदम भी उठाए जाएंगे।
उपायुक्त ने नागरिकों से अपील की कि वे अनावश्यक निजी वाहनों का उपयोग न करें, सार्वजनिक परिवहन को अपनाएं और अपने वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र समय पर नवीनीकृत कराएं। खुले में कचरा या जैविक पदार्थ जलाने की किसी भी घटना की सूचना तुरंत संबंधित माध्यमों पर दें। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रशासन और नागरिकों का संयुक्त सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
