December 13, 2025

शशि थरूर के बदले सुर और तिरुवनंतपुरम में भाजपा की ऐतिहासिक बढ़त, केरल की राजनीति में नए संकेत

Shashi Tharoor's change of tone and the BJP's historic lead in Thiruvananthapuram signal new developments in Kerala politics.

तिरुवनंतपुरम निकाय चुनाव में भाजपा की जीत पर शशि थरूर ने दी बधाई .

तिरुवनंतपुरम। केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर बीते कुछ समय से अपने बदले हुए राजनीतिक मिजाज को लेकर चर्चा में हैं। कांग्रेस आलाकमान की अहम बैठकों से उनकी लगातार दूरी और सार्वजनिक मंचों पर भाजपा को लेकर संतुलित甚至 सकारात्मक टिप्पणियां यह संकेत दे रही हैं कि थरूर के मन में कुछ अलग चल रहा है। हाल ही में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस लोकसभा सांसदों की बैठक को छोड़कर कोलकाता के एक कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी ने सियासी हलकों में सवाल खड़े कर दिए। इससे पहले वे सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई उस बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे, जिसमें शीतकालीन सत्र की रणनीति पर चर्चा होनी थी।

तिरुवनंतपुरम में भाजपा की बढ़त से बदला सियासी गणित
इसी बीच केरल के स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने शशि थरूर के संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम को सुर्खियों में ला दिया है। तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों में आए रुझानों और परिणामों में भाजपा समर्थित एनडीए ने 50 सीटों पर कब्जा जमाकर बड़ी छलांग लगाई है। यह परिणाम कांग्रेस और वाम दलों के लिए चौंकाने वाले माने जा रहे हैं, क्योंकि राजधानी क्षेत्र में भाजपा ने पहली बार इतनी मजबूत स्थिति बनाई है। एलडीएफ को 29 और यूडीएफ को 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि दो वार्ड निर्दलीयों के खाते में गए।

पीएम मोदी का संदेश और भाजपा का उत्साह
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे केरल की राजनीति में ऐतिहासिक और निर्णायक मोड़ बताया। प्रधानमंत्री ने लिखा कि केरल की जनता अब यूडीएफ और एलडीएफ दोनों से ऊब चुकी है और उसे भरोसा है कि सुशासन और विकास के लिए एनडीए ही बेहतर विकल्प है। ‘धन्यवाद तिरुवनंतपुरम’ कहते हुए पीएम मोदी ने इसे भाजपा के लिए नई संभावनाओं का संकेत बताया, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले।

शशि थरूर की बधाई और राजनीतिक संदेश
भाजपा की इस जीत पर शशि थरूर का बयान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। उन्होंने सोशल मीडिया पर तिरुवनंतपुरम में भाजपा के प्रदर्शन को ऐतिहासिक बताते हुए नगर निगम में महत्वपूर्ण जीत के लिए बधाई दी। थरूर ने लिखा कि यह परिणाम राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य में उल्लेखनीय बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 45 वर्षों के एलडीएफ के कुशासन से मुक्ति के लिए प्रचार किया था, लेकिन मतदाताओं ने बदलाव की स्पष्ट मांग करने वाली पार्टी को चुना। थरूर ने इसे लोकतंत्र की खूबसूरती बताते हुए जनता के फैसले का सम्मान करने की बात कही।

भाजपा की ऐतिहासिक छलांग और आगे की रणनीति
तिरुवनंतपुरम में 45 साल पुराने वामपंथी वर्चस्व को चुनौती देकर भाजपा ने यह दिखा दिया है कि केरल अब केवल यूडीएफ और एलडीएफ की राजनीति तक सीमित नहीं रहा। पालक्काड़ नगरपालिका को बरकरार रखना और त्रिपुनिथुरा नगरपालिका यूडीएफ से छीनना भी एनडीए के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। त्रिशूर क्षेत्र में भी भाजपा की पकड़ मजबूत हुई है, जिसे भविष्य की चुनावी रणनीति का आधार माना जा रहा है।

कूटनीतिक भूमिका और ‘स्टेट्समैन’ की छवि
थरूर का यह रुख ऐसे समय सामने आया है, जब वे हाल के महीनों में केंद्र सरकार की कुछ नीतियों और प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की सराहना कर चुके हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने के लिए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में उनकी प्रमुख भूमिका रही। अमेरिका, ब्राजील और कोलंबिया जैसे देशों में भारत का पक्ष रखने को कूटनीतिक सफलता माना गया, हालांकि कांग्रेस के भीतर इसे लेकर असहजता भी दिखी।

कांग्रेस के लिए चुनौती, भाजपा के लिए अवसर
शशि थरूर के हालिया बयान और कदम कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहे हैं, जबकि भाजपा इसे अपनी बढ़ती स्वीकार्यता के संकेत के रूप में देख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि थरूर खुद को पारंपरिक पार्टी लाइन से ऊपर रखकर एक ऐसे नेता के रूप में पेश कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय हित, लोकतांत्रिक मूल्यों और जनादेश को प्राथमिकता देता है। आने वाले समय में यह रुख केरल और राष्ट्रीय राजनीति दोनों पर क्या असर डालेगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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