November 9, 2025

राम मंदिर में फिर गूंजेगा ‘जय श्रीराम’: 25 नवंबर को प्रधानमंत्री करेंगे धर्मध्वजा फहराने का शुभारंभ

'Jai Shri Ram' will resonate at the Ram Temple again: Prime Minister to inaugurate the hoisting of the Dharmadhwaja on November 25

राम मंदिर में फिर गूंजेगा ‘जय श्रीराम’

अयोध्या। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर तय समय में बनकर तैयार हो चुका है। अब एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है — जब 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराएंगे। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावनाओं का प्रतीक होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 1 साल 9 महीने बाद यह कार्यक्रम मंदिर के पूर्ण निर्माण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संकेत बनेगा। अयोध्या में इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं और संतों का संगम होगा, जबकि देशभर की निगाहें इस क्षण पर टिकी रहेंगी।

धर्मध्वजा का विशेष महत्व और डिजाइन
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फुट का स्तंभ स्थापित किया गया है, जिस पर 22 फुट लंबी और 11 फुट चौड़ी केसरिया पताका फहरेगी। यह ध्वज सूर्य, ॐ और अयोध्या के शाही वृक्ष कोविदार के प्रतीक से सुसज्जित है। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि यह 60 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं को भी सह सके और 360 डिग्री तक घूम सके। ध्वज की मजबूती और गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट 28 अक्टूबर को भवन निर्माण समिति की बैठक में पेश की जाएगी।

ध्वजारोहण से पहले विशेष आयोजन
मुख्य आयोजन 25 नवंबर को सुबह 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक होगा। इससे पहले 21 नवंबर से विशेष धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल राम मंदिर बल्कि शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर सहित आठ अन्य मंदिरों के शिखरों पर भी ध्वजारोहण करेंगे।

सुरक्षा और अतिथि व्यवस्था के विशेष प्रबंध
कार्यक्रम में लगभग 10 हजार श्रद्धालु और अतिथि शामिल होंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केवल ट्रस्ट द्वारा जारी कोडेड आमंत्रण-पत्र वाले ही प्रवेश पा सकेंगे। सभी पास आधार से लिंक होंगे ताकि किसी भी प्रकार की अनाधिकृत एंट्री न हो सके। ट्रस्ट ने अतिथियों के लिए लगभग 3 हजार होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे बुक कराए हैं।

विकसित अयोध्या का प्रतीक बनेगा आयोजन
यह आयोजन न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है, बल्कि “विकसित उत्तर प्रदेश अभियान” की नई शुरुआत भी करेगा। ध्वजारोहण के बाद दुनिया की सबसे बड़ी स्काउट-गाइड जम्बूरी आयोजित की जाएगी, जिसमें 35 हजार से अधिक कैडेट शामिल होंगे।
अयोध्या में यह क्षण केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का पुनर्जागरण होगा — जहां फिर से गूंजेगा, “जय श्रीराम।”

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