सरकारी चिकित्सकों की दो दिवसीय हड़ताल, आपातकालीन सेवाएं संचालित
सोनीपत सिविल अस्पताल में पहुंचे लोग।
सोनीपत। सोनीपत में सरकारी चिकित्सकों की दो दिन की हड़ताल का दूसरा दिन भी जारी रहा। एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और संशोधित एसीपी ढांचा लागू करने सहित कई मांगों को लेकर शुरू हुए इस आंदोलन का जिले में मिला-जुला प्रभाव देखने को मिला। जिले की मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि ओपीडी, इमरजेंसी और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए बीपीएस खानपुर मेडिकल, आयुष, ई एस आई और एन एचएम सहित अन्य विभागों से चिकित्सकों की ड्यूटी लगाकर सेवाएं संचालित की गई हैं।
चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि यदि मंगलवार शाम तक सरकार ने लिखित आश्वासन नहीं दिया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। प्रशासन के अनुसार ओपीडी, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम और जांच कार्य सामान्य रूप से चलते रहे। कई विशेषज्ञ चिकित्सक भी ओपीडी में तैनात दिखाई दिए और उन्होंने कहा कि मरीज की देखभाल पहले है, आंदोलन बाद में।
हालांकि अल्ट्रासाउंड सेवाएं बाधित रहीं। संबंधित चिकित्सक ड्यूटी पर न होने के कारण मरीजों को वापस लौटना पड़ा। इसके बावजूद अधिकांश मरीजों का उपचार विभिन्न ओपीडी में तैनात चिकित्सकों ने किया।

विशेषज्ञ चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि पिछले वर्ष बनाए गए विशेष कैडर को एचसीएमएसए ने स्वीकार नहीं किया था, इसलिए वे हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं। आंदोलन कर रहे चिकित्सकों का मुख्य विरोध एसएमओ की सीधी भर्ती को लेकर है। सिविल अस्पताल के पदाधिकारी नितिन भलसवाल के अनुसार 2012 के बाद से इस पद पर कोई सीधी भर्ती नहीं हुई। अब भर्ती शुरू होने से वर्षों से सेवा दे रहे चिकित्सकों की वरिष्ठता और पदोन्नति प्रभावित होगी। चिकित्सकों का कहना है कि यह कदम पूर्व सहमतियों के विपरीत है।
उनका यह भी कहना है कि तीन जून 2021 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री की ओर से एसएमओ की सीधी भर्ती न करने का आदेश जारी हुआ था, पर अब उसी नीति को उलट दिया गया है। दूसरी बड़ी मांग संशोधित एसीपी ढांचा लागू करने की है। नए ढांचे से वेतनमान में बढ़ोतरी होनी है, लेकिन वित्त विभाग ने अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की।
सिविल अस्पताल की सीएमओ डॉ ज्योत्स्ना ने कहा कि सभी विभागों से मानवबल मिला हुआ है और ऑपरेशन थिएटर, पोस्टमार्टम, आपातकालीन सेवाएं तथा कई सर्जरी बिना रुकावट के जारी हैं। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में हड़ताल का विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।
