भारत में बनेगा रूस का SJ-100 एयरक्राफ्ट: HAL और UAC के बीच बड़ा करार, UDAN स्कीम को मिलेगा बूस्ट
भारत में बनेगा रूस का SJ-100 एयरक्राफ्ट।
नई दिल्ली। भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) के साथ एक अहम MoU साइन किया है, जिसके तहत रूस का SJ-100 सिविल कम्यूटर एयरक्राफ्ट अब भारत में भी बनाया जाएगा। यह करार 28 अक्टूबर को मॉस्को में हुआ। समझौते पर HAL की ओर से प्रभात रंजन और रूस की ओर से ओलेग बोगोमोलोव ने हस्ताक्षर किए।
यह परियोजना भारत के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को नई दिशा देने के साथ-साथ UDAN स्कीम के तहत छोटे शहरों को बेहतर हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। आखिरी बार भारत ने 1988 में AVRO HS748 पैसेंजर एयरक्राफ्ट बनाया था। अब तीन दशक बाद यह नया प्रोजेक्ट देश को सिविल एविएशन मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बना सकता है।
SJ-100 क्या है और भारत के लिए क्यों अहम है
SJ-100 एक नैरो-बॉडी, दो इंजन वाला सिविल कम्यूटर एयरक्राफ्ट है, जो 75 से 100 यात्रियों को 500 किमी तक की दूरी तक ले जा सकता है। यह भारत के छोटे शहरों को जोड़ने के लिए उपयुक्त है। रूस में यह पहले से 16 से अधिक एयरलाइंस द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है।
UDAN स्कीम के लिए गेमचेंजर
इस MoU से भारत की रीजनल कनेक्टिविटी को नई गति मिलेगी। SJ-100 का लोकल प्रोडक्शन भारत में हवाई किराया सस्ता करेगा, क्योंकि इससे लागत घटेगी और इंपोर्ट पर निर्भरता कम होगी। UDAN स्कीम के तहत देश में 100 से ज्यादा नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, जिनके लिए इस तरह के 200 से अधिक जेट्स की जरूरत है।
रोजगार और आत्मनिर्भरता को मिलेगा सहारा
SJ-100 के प्रोडक्शन से हजारों इंजीनियरों, टेक्नीशियनों और सप्लाई चेन से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा। यह भारत की सिविल एविएशन इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
भविष्य की योजना
MoU के तहत अगले 1-2 वर्षों में प्रोटोटाइप टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन पूरा किया जाएगा। इसके बाद अगले 10 वर्षों में 200 से अधिक SJ-100 विमान भारत में बनने का लक्ष्य रखा गया है, जिन्हें एशिया और अफ्रीका के बाजारों में भी एक्सपोर्ट किया जा सकेगा।
