8वां वेतन आयोग मंजूर: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी राहत
8वां वेतन आयोग की प्रतीकात्मक फोटो।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देकर देशभर के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनरों को बड़ी राहत दी है। यह फैसला न केवल सरकारी तंत्र के लाखों परिवारों के लिए आर्थिक संबल साबित होगा, बल्कि बढ़ती महंगाई के बीच उनकी आय में भी संतुलन लाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग अपनी रिपोर्ट 18 महीनों में सौंपेगा, और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। यह आयोग कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन का पुनर्मूल्यांकन करेगा। इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी संरचना में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है।
फिटमेंट फैक्टर से तय होगी सैलरी वृद्धि
वेतन वृद्धि का निर्धारण फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (DA) मर्जर से होगा। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जबकि 8वें में इसके 2.46 होने की संभावना है। उदाहरण के तौर पर, लेवल-6 के एक कर्मचारी की मौजूदा बेसिक पे ₹35,400 है। नए आयोग के अनुसार यह बढ़कर ₹87,084 हो सकती है।
नई सैलरी संरचना का अनुमान
यदि नया आयोग लागू होता है, तो बेसिक सैलरी में बड़ी वृद्धि के साथ HRA भी बढ़ जाएगा।
नई संभावित सैलरी:
बेसिक पे: ₹87,084
HRA (27%): ₹23,513
कुल सैलरी: ₹1,10,597 प्रति माह
DA शुरुआत में शून्य रहेगा, क्योंकि नई बेसिक सैलरी में महंगाई को पहले से जोड़ा जाएगा।
पहले बने वेतन आयोगों का संक्षिप्त इतिहास
- 5वां वेतन आयोग (1994) – सिफारिशें 1 जनवरी 1996 से लागू।
- 6वां वेतन आयोग (2006) – रिपोर्ट 2008 में आई, 1 जनवरी 2006 से प्रभावी।
- 7वां वेतन आयोग (2014) – रिपोर्ट 2015 में सौंपी गई, 1 जनवरी 2016 से लागू।
अब 8वां आयोग 2026 से लागू होगा, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा उछाल आने की उम्मीद है।
