78वां वार्षिक निरंकारी संत समागम: स्वर्ग नगरी बना निरंकारी समागम 10 लाख श्रद्धालु आएंगे
सोनीपत: पत्रकार वार्ता में संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा मेंबर इंचार्ज राकेश मुटरेजा।
- 78वां वार्षिक निरंकारी संत समागम: सेवा, एकता व आध्यात्मिक चेतना देगा
सोनीपत, (अजीत कुमार)। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन सानिंध्य में समालखा गन्नौर हल्दाना बॉर्डर हरियाणा स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर संत निरंकारी मंडल द्वारा 78वां वार्षिक निरंकारी संत समागम 31 अक्टूबर से 3 नवम्बर, 2025 तक किया जा रहा है। यह आयोजन 650 एकड़ में संपन्न होगा। यहां 10 लाखों श्रद्धालु देशभर से तथा लगभग 5 हजार भक्त विदेशों से इस पावन समागम में सम्मिलित होंगे।
बुधवार को समागम स्थल पर पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी गई वार्ता में संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा प्रेस एंड पब्लिसिटी मेंबर इंचार्ज राकेश मुटरेजा ने जानकारी सांझा की। उन्होंने बताया कि संत समागम के चारों दिन दोपहर 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक भक्ति और ज्ञान से परिपूर्ण मुख्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। समागम में सेवादल के करीब एक लाख सदस्य समागम की तैयारियों और संचालन में संलग्न रहेंगे। यह सेवा, समर्पण और अनुशासन मिशन की मूल भावना को दर्शाती है। समागम परिसर में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। 8 एलोपैथिक, 6 होम्योपैथिक डिस्पेंसरी, 15 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और एक कायरोप्रैक्टिक शिविर कार्यरत रहेंगे। साथ ही 120 बेड का अस्थायी अस्पताल और कुल 42 एम्बुलेंसों (जिनमें 5 वेंटिलेटर एम्बुलेंस हैं) की व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा प्रबंध हेतु हरियाणा सरकार के सहयोग से 60 चेक पोस्ट बनाए गए हैं। सेवादार एवं पुलिसकर्मी मिलकर ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। अग्निशमन, बिजली, पानी और सीवरेज जैसी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध भी किया गया है। चार भागों में विभाजित समागम स्थल में 6 स्थानों पर नि:शुल्क भोजन व पेय व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही 22 कैंटीन रियायती दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराएंगी। यातायात नियंत्रण के लिए प्रशासन, रेलवे और मिशन ने विशेष प्रबंध किए हैं। दिल्ली व समालखा-पानीपत क्षेत्र के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर विशेष ठहराव एवं स्थानीय बस सेवाएं संचालित रहेंगी। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पर्याप्त पार्किंग स्थल भी निर्धारित किए गए हैं।
मिशन का इतिहास मानवता, सत्य एवं एकत्व के प्रसार से जुड़ा है। सन् 1948 से वार्षिक संत समागमों की श्रृंखला निरंतर जारी है, जिसे वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा रही हैं। इस वर्ष की निरंकारी प्रदर्शनी का विषय आत्ममंथन है, जिसमें मिशन के इतिहास, समाजसेवा एवं बाल प्रदर्शनी के तीन प्रेरणादायक खंड होंगे। प्रकाशन विभाग द्वारा समालखा में 14 और दिल्ली में 2 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां से श्रद्धालु साहित्य, कैलेंडर व स्मारिका आत्ममंथन प्राप्त कर सकेंगे। संत निरंकारी मिशन ने स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समागम स्थल पर कचरा निपटान के लिए भी विशेष प्रबंधन किया है।
